ब्लड मून (Blood Moon) क्या है? Education ADDA
ब्लड मून (Blood Moon) की घटना तब होती है जब पूर्ण चंद्रग्रहण पर होता है। इस दौरान चंद्रमा लाल या सुर्ख भूरे रंग का दिखता है। इस wajh se इसे ब्लड मून (Blood Moon) कहा जाता है। अगला ब्लड मून 26 मई 2021 को दिखाई देगा। आखिरी ब्लड मून 20-21 जनवरी 2019 को हुआ था।
ब्लड मून के दौरान चंद्रमा का रंग क्यों बदलता है?
चंद्र ग्रहण पूर्णिमा ( Full Moon ) के दौरान ही होता है।Yani Jab Full moon Hota hai Tab he Lunar Eclipse hota hai. इस समय के दौरान, चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में होता है। इस समय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पृथ्वी पर पहुंचने वाली थोड़ी सी धूप चंद्रमा पर पड़ती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान आकाश लाल रंग का होता है। इसका मतलब है कि इस दौरान सफेद रोशनी में सभी सात VIBGYOR रंगों में से केवल लाल ही पृथ्वी पर पहुंचता है। यह लाल रंग का प्रकाश चंद्रमा पर reflected होता है और इस प्रकार चंद्रमा ब्लड मून में बदल जाता है।
क्या सभी पूर्णिमाओं में ग्रहण होते हैं?
नहीं, ऐसा इसलिए है, क्योंकि जिस तल में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और जिस तल में चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है, वह तल अलग-अलग होते हैं। ग्रहण ( Ecplise ) तभी होता है जब यह तल मेल खाते हैं।
सूर्यास्त और सूर्योदय के समय आसमान लाल क्यों होता है?
चूंकि सूर्य horizon पर है, सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी की सतह तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसका मतलब है कि दिन के इस समय के दौरान, प्रकाश को अधिक वायुमंडलीय कणों का सामना करना पड़ता है। ये कण प्रकाश की अधिकतम मात्रा को बिखेरते हैं। सूर्य के प्रकाश में सभी VIBGYOR रंगों में से, लाल रंग की तरंग दैर्ध्य (wavelength) सबसे अधिक है और इस प्रकार यह पृथ्वी की सतह तक पहुंच जाता है। पृथ्वी की ओर उनकी यात्रा के दौरान अन्य रंग बिखर जाते हैं।
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